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26 सित॰ 2009

क्या होगा !!!

मंजिल-मंजिल सोच रहा था,
कदम-कदम पर खोज रहा था,
मिला नही जवाब कोई...
मैं आज तक
तड़प-तड़प कर मर रहा था!

पूछता था हर कोई
क्या हुआ है, बता तू?
उनसे डर कर,
सोच-सोच कर
मैं ये दिल से पूछ रहा था-
नसीब में मेरे क्या लिखा था
ये मैं नहीं जानता था!

आगे क्या होगा मेरा
ये मैं नहीं जानता था!
पूछ लो दिल से
दिल ये कह रहा है!

खुश हो जाओ
दिल से दिल
ये कह रहा है!

5 टिप्‍पणियां:

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

M VERMA ने कहा…

वाकई किसी को नही आगे क्या होगा.

shama ने कहा…

Waah ! Kaash is tarah se mai bhee kabhi likh patee..

http://shamasansmaran.blogspot.com

http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.com

http://kavitasbyshama.blogspot.com

shama ने कहा…

Neeraj ji...aapka 'ek sawal...' pe intezaar hai!

Udan Tashtari ने कहा…

वाह, क्या बात है!!

खुश हो जाओ
दिल से दिल
ये कह रहा है!

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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...