Neeraj Kumar has been publishing blog on various topics for a long time. It started with publishing his Short Hindi Poems.
Now it is time to write on wide range of subjects which affects people in a big way. Hope he can showcase real person who is emotional to the world and the humanity.
फ़ॉलोअर
6 जुल॰ 2009
आख़िर कब तक...
जीने की अतुल इच्छा के बावजूद स्थापित आदर्शों का पालन कर योग्यता की असीमता के साथ असफलता का पान कर आख़िर कब तक जिन्दा रहे आदमी...
खम्मा घणी सा बहुत बढिया पिंक्तया । आम इंसान की पीड़ा को जैसे उससे बिना पूछे ही उसके मन से निकाल कर उसी के हाथ में धर दिया हेा । और अपनेपन से कहा -यही है न तेरे मन की कथा। सारगिर्भत।
5 टिप्पणियां:
वाह बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ! आख़िर आदमी जिंदा रहे कब तक..ये बड़ा गंभीर विषय है!
जीने की अतुलित इच्छा ले ..
सच कहा आपने ...जीना जिंदादिली का नाम है...
बहुत खूब !!!
Thanx for appreciating my blog too
abhaar !
स्थापित आदर्शों का पालन कर
योग्यता की असीमता के साथ
असफलता का पान कर......आज के दौर का अहम् दौर......
खम्मा घणी सा
बहुत बढिया पिंक्तया । आम इंसान की पीड़ा को जैसे उससे बिना पूछे ही उसके मन से निकाल कर उसी के हाथ में धर दिया हेा । और अपनेपन से कहा -यही है न तेरे मन की कथा।
सारगिर्भत।
गहन भाव
सुन्दर अभिव्यक्ति
एक टिप्पणी भेजें
एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...