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5 मई 2014

जिन्दगी का गीत


आदमी हूँ आदमी से प्यार करना चाहता हूँ
जाम ये मैं जिन्दगी के नाम पीना चाहता हूँ।। 

हो मुबारक मंजिलें वो चाह जिसकी आपको है
मैं सड़क पे ठोकरों में खेलना बस चाहता हूँ।।

  मैं हमेशा अजनबी था कायदों से इस जहां के
रोज जीना रोज मरना रोज जीना चाहता हूँ।। 

लोग कहने के लिए तो प्यार करते हैं खुदा से
मैं दिलों में बस खुदा को देख पाना चाहता हूँ।। 

कत्ल कर दो आप मेरा, या सजा दो मौशिकी की
मैं हमेशा जिन्दगी के गीत गाना चाहता हूँ।।