क्यों नहीं...
बादलों में खरगोश
कहानियों में परियां
सपनों में इन्द्रधनुष।
क्यों नहीं...
बागों में तितलियाँ
खिड़कियों पे चिडियां
घरों में दादी-माँ।
क्यों नहीं...
बचपन में कोरापन
जवानी में अपनापन
बुढापे में संतोष-धन।
बादलों में खरगोश
कहानियों में परियां
सपनों में इन्द्रधनुष।
क्यों नहीं...
बागों में तितलियाँ
खिड़कियों पे चिडियां
घरों में दादी-माँ।
क्यों नहीं...
बचपन में कोरापन
जवानी में अपनापन
बुढापे में संतोष-धन।