फ़ॉलोअर

1 अप्रैल 2014

क्यों नहीं...

क्यों नहीं...
बादलों में खरगोश
कहानियों में परियां
सपनों में इन्द्रधनुष।

क्यों नहीं...

बागों में तितलियाँ
खिड़कियों पे चिडियां
घरों में दादी-माँ।

क्यों नहीं...

बचपन में कोरापन
जवानी में अपनापन
बुढापे में संतोष-धन।