तू क्या है?
आँख मूंद बैठा हूँ मैं
छवि तेरी विचारता
क्या है तू? क्या है तू!
लड़की है-
चंचल उच्छ्रीन्खल !
उड़ती लगाये डैना है-
मैना है।
नारी है-
अबला असहाय।
बचती है संसार से-
मृगा है।
या फ़िर है-
क्रांति ज्योति।
नव विचारों की प्रेरणा-
बहना है।
आँख मूंद बैठा हूँ मैं
छवि तेरी विचारता
क्या है तू? क्या है तू!
लड़की है-
चंचल उच्छ्रीन्खल !
उड़ती लगाये डैना है-
मैना है।
नारी है-
अबला असहाय।
बचती है संसार से-
मृगा है।
या फ़िर है-
क्रांति ज्योति।
नव विचारों की प्रेरणा-
बहना है।