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11 अप्रैल 2014

व्यथा...

मैं भूल जाता हूँ
तेरा नाम,
याद रहता है
तेरा चेहरा।

मैं भूल जाता हूँ
तेरा घर,
याद आ जाता है
तेरा नाम।

मैं भूल जाता हूँ
तेरा चेहरा ,
याद कर पाता हूँ
तेरा साथ।

मैं भूल जाता हूँ
कठोर आज ,
सोचता रहता हूँ
पुरानी बात ।

मैं भूल जाता हूँ
तेरा प्यार ,
याद करता हूँ
तेरा कटाक्ष ।

मैं भूल जाता हूँ
एक सच ,
जिंदगी कहती है
कमर कस।