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24 अप्रैल 2010

बाँटो प्यार...

कभी आँखों से छलका दो प्यार,
कभी बातों से बतला दो प्यार...

 बुरी आदत है अश्कों से इश्क
खुदी के बल पे अपना लो प्यार...

शमा को जलने दो सारी रात,
हमें तो बुझकर दिखला दो प्यार...

नहीं मोहब्बत आसां है यार,
सको तो बाँटो जितना हो प्यार...

8 टिप्‍पणियां:

Anjana ने कहा…

अच्छी रचना है... आपकी सारी ग़ज़ल और कवितायेँ बेहद पसंद आती हैं... लिखते रहें...

Unknown ने कहा…

बहुत ही अच्छी ग़ज़ल है...

दिलीप ने कहा…

bahut khoob

M VERMA ने कहा…

सुन्दर सन्देश देती रचना
प्यार बाँटना ही होगा प्यार पाने के लिये

sansadjee.com ने कहा…

अच्छी रचना है।

अजय कुमार ने कहा…

खूबसूरत संदेश

Urmi ने कहा…

सुन्दर सन्देश देती हुई उम्दा ग़ज़ल! बधाई!

NirantaR ने कहा…

Good i like it . Mai bhi kavitae likhta hu mera blog he. Www.merepushp.blogspot.com. Kaphi achhi rachan he ye aapki.

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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...