दूर हटे बीते साल का अँधेरा,
सबके लिए बने एक सवेरा!
फूलों की खूसबू मिले हर इंसान को,
खूसगवार ज़िन्दगी मिले हर इंसान को!
आतंक की अर्थी उठे इस देश में,
हम दिखें हमेशा भारतीयेता के देश में
नफरत खाक में मिले
हर जगह प्यार के फूल खिले!
हम हर इंसान को,
इंसानियत का पाठ पढ़ायें!
चोरकर हम दुश्मनी को
हम भारतीय को गले लगायें!
भूल जाएँ हम गिले-शिकवे की रात को
दिल में बिठाएं हम गले मिलने की बात को!
मिट जाए बीते साल की निराशा,
हर इंसान को मिले आशा ही आशा!
सबके लिए बने एक सवेरा!
फूलों की खूसबू मिले हर इंसान को,
खूसगवार ज़िन्दगी मिले हर इंसान को!
आतंक की अर्थी उठे इस देश में,
हम दिखें हमेशा भारतीयेता के देश में
नफरत खाक में मिले
हर जगह प्यार के फूल खिले!
हम हर इंसान को,
इंसानियत का पाठ पढ़ायें!
चोरकर हम दुश्मनी को
हम भारतीय को गले लगायें!
भूल जाएँ हम गिले-शिकवे की रात को
दिल में बिठाएं हम गले मिलने की बात को!
मिट जाए बीते साल की निराशा,
हर इंसान को मिले आशा ही आशा!
7 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर सकारात्मक सन्देश देती कविता बधाई और नये साल की शुभकामनायें
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।
waah.......sukun deti rachna
सकारात्मक सोच लिए प्रेरक कविता के लिए आभार।
बेहतरीन अभिव्यक्ति!!
खूबसूरत आहवान किया है आपने
नया साल आपको मुबारक हो
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!
एक टिप्पणी भेजें
एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...