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23 जून 2009

प्यार का जलजला...

प्रियतम मेरा न जाने कहाँ है,
सोचता हूँ मैं वही बेवफा है।

इश्क में तेरे दिवाना हुआ मैं,
पूछता हूँ ब्रज का क्या पता है।

आखिरी लौ भी बुझा दी किसी ने,
देखता हूँ मैं अभी क्या बजा है।

आशिकी का हाल पूछा किसी ने
तो कहा ये प्यार का जलजला है।

4 टिप्‍पणियां:

ओम आर्य ने कहा…

really yah pyaar bhara jaljala hai .........ashiki me to yahi majaa hai

रंजना ने कहा…

Waah !Waah ! Waah ! Bahut badhiya...

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया..लिखते रहिये.

Urmi ने कहा…

वाह वाह बहुत बढ़िया!

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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...