Neeraj Kumar has been publishing blog on various topics for a long time. It started with publishing his Short Hindi Poems.
Now it is time to write on wide range of subjects which affects people in a big way. Hope he can showcase real person who is emotional to the world and the humanity.
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16 जून 2009
प्रसून कंटक: २४/०५/९६
मैं चाहता हूँ मिल जाना मिट्टी में, लेकिन आह! मैं मिल नहीं पाता क्यूंकि मैं साधारण मिट्टी नहीं एक घडा हूँ, टूटा हुआ घडा...
1 टिप्पणी:
छोटी सी प्यारी सी कविता के लिए बधाई!
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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...