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28 सित॰ 2013

चाँद छुपा है

आसमान की बंद/
पलकों के भीतर/
छुपा है कहीं/
चाँद मेरा,
अश्क आँखों के/
बरस रहे हैं/
कंपकंपाती ठंडी/
बारिश की बूंदों-से।

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