मैं हूँ
खुशियाँ हैं
खट्टा-मीठा संसार है।
मैं हूँ
जीवन है
जीवन के आदर्श हैं।
मैं हूँ
जिंदगी है
जीने की चाह है।
मैं हूँ
सफलता है
सफल होने की योग्यता है।
मैं न रहूँ
संसार नहीं
जीवन नहीं
आदर्श नहीं
योग्यता नहीं...
7 टिप्पणियां:
मेरे होने से ही तो दुनिया में सब कुछ है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
किसी के होने न होने से कोई अन्तर नही पड़ता!
दुनिया तो चलती ही रहेगी!
सादर वन्दे
आपने इस कविता के माध्यम से जीवन का मूल ढूढ़ लिया है!
रत्नेश त्रिपाठी
क्या बात है!! बहुत खूब!
मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
मैं हूँ तो सबकुछ है। मैं ही नहीं तो...
अच्छी पंक्तियॉं हैं।
नया साल आप के लिये सुख, शांति और समृद्धि लाये।
अच्छी रचना।बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
good poems and nice effert.
by
Hindi Sahitya
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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...