इश्क के गुलशन को गुल गुज़र न कर!
ऐ नादान इंसान कभी किसी से प्यार न कर!
बहुत धोखा देतें हैं मोहब्बत में हुस्न वाले
इन हसीनो पर भूल कर भी ऐतबार न कर!
मौसम के हर वक़्त को बदलते देखा है!
चांदनी के लिए चाँद को तरसते देखा है!
जिसे लोग कहते हैं आंसू
उन्हीं आंसुओं को आसमान से बरसते देखा है!
दिल से आपका ख्याल जाता नहीं!
आपके सिवा कोई याद आता नहीं!
हसरत है रोज आपको देखूं
वरना आप बिन जिन्दा रह पाता नहीं!
वे चले तो उन्हें घुमाने चल दिए!
उनसे मिलने-जुलने के बहाने चल दिए!
चाँद तारों ने छेरा तन्हाई में ऐसी राग
वे रूठे नहीं की उन्हें मानाने चल दिए!
नज़रें उठा कर देखता हूँ तो तारों में नज़र आती हो!
नज़रें झुका कर देखता हूँ तो बहारों में नज़र आती हो!
ये तो बस करिश्मा है हुस्न का
की हजारों में नज़र आती हो!
नाबिक निराश हो तो साहिल जरूरी है!
जन्नत की तलाश में हो तो इशारा जरूरी है!
मरने को तो कोई कहीं मर सकता है
लेकिन जीने के लिए सहारा जरूरी है!
वो मिलते हैं पर दिल से नहीं!
वो बात करते हैं पर मन से नहीं!
कौन कहता है वो प्यार नहीं करते
वो प्यार तो करते हैं पर हमसे से नहीं!
6 टिप्पणियां:
जीने के लिये सहारा जरूरी है
बेहतरीन शायरी
बेहतरीन शायरी एक से बढ़कर एक
बहुत उम्दा!
लाजवाब है.
विवेक,
तुम ब्लॉग पर सेरोशयारी प्रकाशित करते हो, यह ठीक तो है लेकिन किसी और लेखक की रचना के साथ यह अवश्य लिखा करो कि तुमने इसे कहाँ से लिया है और इसके शायर कौन हैं...
वैसे अधिक से अधिक स्वलिखित रचना ही डाला करो...
वैसे यह रचना भी बहुत ही अच्छी है...खुद लिखने की कोशिश किया करो...छोटी-२ अच्छी-बुरी कैसी भी चलेगी...
nice
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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...