एक नया एहसास लेकर
नए जीवन जीने की
मैं निकला हूँ
छोर पकरने!
एक नई खुशी लेकर
अपनी उदासी को
मैं निकला हूँ
अलविदा कहने!
कुछ नए पल
जीने को मिले
ये सोचकर निकला हूँ
मैं अपनी मंजिल ढूँढने!
दिल की उदासी दूर हो!
दिल को खुशी हो!
दिल की प्यास बुझे!
दिल में नया एहसास जगे!
ये सोचकर निकला हूँ
मैं अपनी खुशी ढूँढने!
5 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर रचना लिखा है आपने! दिल को छू गई आपकी ये शानदार रचना! ज़िन्दगी में आपको सारी खुशियाँ मिले यही मेरी प्रार्थना है भगवान से!
शानदार रचना है।
नवरात्रों की शुभकामनाएँ!
ईद मुबारक!!
बहुत ही अच्छी रचना है... लिखते रहो ऐसे ही... अभी तो त्योहारों का मौसम आ गया है... इनपर कुछ लिखने का प्रयास क्यों नहीं करते...
हमारी शुभकामनाएँ आपके साथ है..खोजिये...बढ़िया रचना.
ये सोचकर निकला हूँ
मैं अपनी मंजिल ढूँढने!nice
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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...