यादों के कुछ टुकड़े
खूंटी से लटके कपड़े
कोने में रखे मटके
और भाग्य के झटके...
बीता अभी बचपन
उम्र लगे पचपन
टूटा हुआ तन-मन
और बर्तन करें ठनठन...
ज्ञान की बड़ी-बड़ी बातें
भूख से सिकुड़ती आंते
साहेब की बेरहम लातें
और कम्मो से मुलाकातें...
प्यारा सा नाम
दिन रात करे काम
थोड़ा मिले दाम
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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...