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24 अग॰ 2009

बस यूँ ही...


क्या तुझे है पता

मैं होने लगा हूँ एक कवि?

चल तुझे दूँ बता

जिक्र-ऐ-इश्क करूँ अब सही।



अपनी उदासी का कभी

कोई बहाना ना किया,

झूठे शब्दों का कभी

मैंने सहारा ना लिया।



अपनी शायरी का सरे-शाम

सुनाना ना किया,

तेरी अर्चना का कभी

मैंने इरादा ना किया।



फिर भी एक सच है

इश्क को दिली माना है,

काफिरों की सोहबत में भी

'नीरज' तेरा ही दीवाना है।

13 टिप्‍पणियां:

रज़िया "राज़" ने कहा…

अपनी उदासी का कभी

कोई बहाना ना किया,

झूठे शब्दों का कभी

मैंने सहारा ना लिया।
सुंदर सच्चे दिल से निकली रचना। अपने व्यक्तित्व को निखारती हुई पंकियाँ। वाह।

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति ।

नीरज गोस्वामी ने कहा…

आप अपनी बात को बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति देते हैं...आपकी लेखनी प्रभावित करती है...बहुत अच्छी रचना...लिखते रहें.
नीरज

ओम आर्य ने कहा…

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति .......कमाल कर कर दिया है आपने इस रचना

M VERMA ने कहा…

फिर भी एक सच है
इश्क को दिली माना है,
यही तो सच है.
बहुत खूबसूरत

रश्मि प्रभा... ने कहा…

फिर भी एक सच है

इश्क को दिली माना है,

काफिरों की सोहबत में भी

'नीरज' तेरा ही दीवाना है.....waah

Akanksha Yadav ने कहा…

Lajwab...umda prastuti !!

alka mishra ने कहा…

आपने जो मूर्ती गढी है मैंने उसपे थोड़ी सजावट कर दी है ,अब उसका रूप कुछ यूं है
क्या तुझे पता है ?
मैं होने लगा हूँ अब कवि
चल तुझे बता दूँ
अब जिक्र-ए-इश्क करूं
अपनी उदासी का कभी
बहाना न किया मैंने
झूठे शब्दों का कभी
सहारा न लिया मैंने
अपनी शायरी को
सरे-आम न किया मैंने
तेरी अर्चना का कभी
इरादा न किया मैंने
फिर भी
सच तो सच है
इश्क को खुदा माना है
काफिरों की सोहबत में भी
नीरज तेरा ही दीवाना है

अगर पसंद न आये तो मिटा दीजियेगा

Neeraj Kumar ने कहा…

अलका जी,
धन्यवाद...
आपने सजावट बहुत खूब की है...
इसे hatane का तो sawal ही नहीं paida होता ...
sochta हूँ की इसे भी एक post की तरह ही post कर dun आपके नाम से...yadi anumati हो तो...

Vinay ने कहा…

सुन्दर रचना, कोई अच्छा टेम्प्लेट लगाएँ, पढ़ने में कठिनाई होती है
---
'चर्चा' पर पढ़िए: पाणिनि – व्याकरण के सर्वश्रेष्ठ रचनाकार

Urmi ने कहा…

वाह बहुत बढ़िया लगा! इस भावपूर्ण और उम्दा रचना के लिए बधाइयाँ!

adwet ने कहा…

अपनी उदासी का कभी

कोई बहाना ना किया,

झूठे शब्दों का कभी

मैंने सहारा ना लिया।

bahut hi sunder abhivyakti hai bahut bahut badhayee

Asha Joglekar ने कहा…

फिर भी एक सच है

इश्क को दिली माना है,

काफिरों की सोहबत में भी

'नीरज' तेरा ही दीवाना है।
क्या दीवानगी है ।

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