Neeraj Kumar has been publishing blog on various topics for a long time. It started with publishing his Short Hindi Poems.
Now it is time to write on wide range of subjects which affects people in a big way. Hope he can showcase real person who is emotional to the world and the humanity.
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4 जुल॰ 2009
कविता के टुकड़े...
काव्य कहाँ से प्रस्फुटित हो हृदय में यदि रेगिस्तान बसा हो! जठराग्नि से पीड़ित तन-मन में और-और का शोर मचा हो!
3 टिप्पणियां:
sahi hai .........jatharagni se badi bhukh our kuchh ho nahi sakati...
बिल्कुल सही फ़रमाया आपने! बहुत सुंदर पंक्तियाँ!
सुन्दरता के साथ सत्य को व्यक्त करती ये पंक्तियां आभार्
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एक अदना सा आदमी हूँ और शौकिया लिखने की जुर्रत करता हूँ... कृपया मार्गदर्शन करें...